Desi Bhabhi Ke Boobs दोस्तों, मेरा नाम सुमित है. मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. यह मेरी बिल्कुल पहली कहानी है. मेरी उम्र 25 साल है. अब मैं सरकारी नौकरी करता हूँ. यह कहानी तब की है जब मैं 23 साल का था. मैं अपने घर की पहली मंजिल पर रहता हूँ और मेरे कमरे का प्रवेश द्वार बाहर से सीधा सीढ़ियों के ज़रिए जाता है, जिससे किसी को पता नहीं चलता कि मैं कहाँ गया या मेरे कमरे में कौन आया. मेरे कमरे का दूसरा गेट घर के अंदर हॉल में खुलता है, जिसके सामने 2 कमरे हैं जिनमें हमारे किरायेदार रहते हैं, उनका अपना अलग प्रवेश द्वार है.
कुछ दिनों के बाद एक कमरा खाली हो गया तो उसमें एक किरायदात और उसकी नई पत्नी रहने आ गई। उनका नाम वर्शा था देखने में औसत थी पर उनके स्तन बड़े मस्त मोटे गोल गोल मानो कि अभी ब्लाउज फाड़ के बाहर निकल पड़ेंगे और उनकी गांड के तो क्या कहने इतने गोल मानो दो कांच के बोल उलटे रख दिए हो सदी के अंदर से बी उनकी गोलाई झलक रही थी लंबी ऊंचाई के कारण उनकी पर्सनैलिटी बिल्कुल खत्म लगती थी.. Escorts in Jaipur मैं किसी से ज्यादा बोलता नहीं हूं तो हमारी ज्यादा बात नहीं होती थी.. पर कुछ दिनों में दूसरे रूम वाले बी रूम खाली करके चले गए तो भाभी जी अकेली हो गई तो कभी मेरे रूम में कॉम्प पे गाने सुनने आ जाया करती थी… ऐसे ही कुछ दिन बीत गए मुझे उससे ज्यादा बात नहीं करता था पर वो मेरे से सैट के साथ जया करती थी तो मेरा तो उसका टाइम खड़ा हो जाता था.. पर मेरी इमेज ना खराब हो जाए ये सोच के में खुद ही थोड़ा दूर होकर बेथ जाता था
कुछ दिनों में होली थी और होली पे मुझे कुछ मोका मिला उनको अपनी तरफ खींचने का.. दरअसल हुआ यू कि होली पे उनको जबरन मुझे अकेला देख रंग लगा दिया तो मुझे भी मोका मिल गया मैंने भी बहार देखा कोई नहीं है तो रंग लिया और उनके गालों पे लगाते उनके ब्लाउज मैंने हाथ डाल दिया और जैम के उनके स्तनों पर रंग लगाया भाभी जी शर्म के मारे भाग गईं..
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए तो अब जब भी मोका मिलेगा मैं भाभी जी के स्तन दबा देता था और वो कुछ नहीं कहती थी.. एक दिन में पहले हुआ था तो भाभी जी ने गेट खटखटया वो अंदर आई और बोली एपी मेरे दबाया मत करो मुझे अच्छा नहीं लगता तो मैं कहां ठीक है…

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फिर उसने कहा सोनो आई लव यू… मुझे मोका मिल गया मेने कहा आई लव यू टू.. मेने कहा मेरे पास आओ आपको प्यार का तोहफा देना है वो मेरे पास आई तो मेने बिस्तर पर पटक दिया और उन्हें किस करने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी उनके होठ काफी रसीले थे धीरे धीरे मैं उनके स्तन भी दबाने लगा तो उन्हें कहा आपका हक सिर्फ कमर के ऊपर धन्यवाद ही है उसके बाद में मैं कुछ नहीं करूंगी मैं कहो ठीक है..पर कमर के ऊपर तो मैं कुछ भी कर सकता हूं तो उन्हें ने हां कहा..मैंने धीरे-धीरे उनका ब्लाउज के हुक खोलने चालू कर दिए हर हुक के साथ उनकी सांसे और मेरा लंड डोनो फूलने लगे थे..फिर पूरा ब्लाउज खोलने के बाद उनको देख कर मेरी तो लार तपाक पड़ी क्या मस्त बॉडी थी उनकी ब्रा के अंदर भी ऐसा लग रहा था कि उनके स्तन बाहर ही निकले हो मस्त काली ब्रा में उनके स्तन बाहर आने को उतारू हो गए थे…पर मेरा बेड लक उसी टाइम डोर बेल बाजी और उन्हें जाना पड़ा उसका पति जल्दी आ गया था.. मैं तो मुंह मार ही रह गया..
अगले दिन घर पे कोई नहीं उसका पति भी गया हुआ था मैं गया और कंडोम ले आया… मैंने उसका गेट खट खटाया तो वो इसलिए रही थी उसने मुझे बोला बेथो क्या हुआ मेने कहा आपस में प्यार अधूरा रह गया था उसे पूरा करने आया हूं तो उनके चेहरे पर एक अलग मुस्कान आ गई… मैंने उन्हें चूमना शुरू कर दिया वो तो मस्त होकर मेरा साथ दे रही थी फिर से मैंने उनका बोलौस खोल के बिस्तर पर पटाक दिया अब वो सदी और ब्रा में थी देखने में बिल्कुल मस्त लग रही थी… फिर मैंने जैसे ही ब्रा के हुक खोले अरे बाप रे क्या माल सामने आया क्या बताउ बिल्कुल गुलाबी निपल्स हाय मेरी तो सांसे हाय रुक गई उनके स्तन बिल्कुल सीधे थे लटकने का नाम ही नहीं था और निपल्स तो मानो टॉप जैसे खड़े थे मुझे तो बस में स्तन दबाता गया इतने में मैंने उनकी सदी उतारने का प्रयास किया तो अनहोन मेरा हाथ पकड़ के बोली बस इसे आगे नहीं तो मैंने कहा फिर आप मुझसे प्यार नहीं करती तो वो बोली ये गलत है मैंने कहा कुछ गलत नहीं होता तो वो बोली ठीक है पर पहले वो लेके आओ ताकि कुछ हो ना.. मैंने कहा में लेके आया हूं तो वो मुझे किस करके बोली शाबास…
फिर उन्हें मेरा हाथ चोद दिया तो मैंने भी उनकी सदी उतार दी… अब वो बस पेटीकोट में थी मैंने उनके स्तन चुनना शुरू कर दिया और एक हाथ से पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी गांड पे हाथ फेरने लगा.. क्या गोल गोल गांड थी यार अभी भी वो अहसास लंड खड़ा कर देता है… भाभी जी तो मस्त होकर खड़ी थी फिर बोली सब खड़े खड़े ही करोगे मुझसे खड़ा नहीं रहा जार अहा बिस्तर पर बैठ जाओ मैंने उन्हें लेटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट गया फिर धीरे धीरे उनका पेटीकोट ऊपर करने लगा मनो जन्नत का दरवाजा खुलने लगा हो उनकी जंघे मस्त गोरी गोरी और मोती थी देख कर मजा आ गया में शुद्ध जोड़ी पे हाथ फिर रहा था इतने में मैंने उनकी पेंटी में हाथ डाल दिया और उनकी गीली चूत का मुआयना किया लाइफ़ में पहली बार किसी की चूत पर हाथ रखा था… और वो भी इतनी मस्त माल थी कि मैं तो जन्नत में थी..
फिर उन्हें मेरे सारे कपड़े उतार दिए और बोली मस्त माल है… मैंने कहा तुम्हारे अंदर जाएगा तो और मस्त हो जाएगा तो वो बोली डाल दो बा अब मैंने कहा रुको थोड़ी देर… मैंने उनका पेटीकोट और पेंटी डोनो उतार दिए अब हम दोनों ही नंगे थे… अब मैं उनके टैंगो के बीच बेथ कर अपनी उंगली उनकी चुत में डाल दी उनकी चुत टाइट थी मुझे तो मजा आ गया फिर मैंने कहा मुझे इसे किस कर लू तो अनहोन कहा हां मेने उनकी चुत पे किस किया और फिर वही पे चाटने लग गया मेरी जुबान टच होते ही उनके मुह से निकला ओह्ह्ह्ह माआआआ।मैंने कहा अच्छा लगा उन्होन काहा हनन्नन्न तो मेरे लिए बस उनकी गिली चूत चलने लग गया…वो बस बसस्स्स्स म्ममुउउउउ आआआआआ उउउउउइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ मांआआआआ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ गया, फिर से मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाया और उनकी टाँगे चोदी की। वो बोली देखो धीरे-धीरे डालो
मेने ओके काहा और अपने लंड पे थूक लगा के उनकी चूत पे लंड रख दिया और झुक के उन्हें लिप किस करने लगा… और एक दम से उनकी चूत में लंड घुसा दिया वो गाल पड़ी उउइइइइ माआआ धीरे प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेने फ़िर से निकाल के फिर डाल दिया वो फिर से चिल्ला उठी …आआआआआआ ऊऊओह्ह्ह्हह्हह्ह माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ llllllllzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz्ती नहीं
फिर मैंने लंड अन्दर ही रहने दिया और उनके स्तन दबाये अब वो थोड़ी नॉर्मल हुई और बोली तुम मर्दो से सब्र नहीं होता ना मोका मिलते हाय बस गुसाने की सोचते हो धीरे भी तो डालो जैसे थे मेरी साड़ी नसे हिला दी.. मैंने कहा मेरी जान आप हमेंशा मेरे लंड की चोट को याद रखेगी और जब भी चुदना चाहेगी मेरा ही ढूंढेगी देख लेना उसने कहा हां वो तो है …और हम दोनों ने ही मुस्कुरा दिए… इतने में मैंने अपने लंड को अंदर बाहर करना चालू कर दिया और वो भी अपनी गांड उठा के मेरा साथ देने लगी… या आअह्ह्ह्ह उउउइ माँ की आवाज निकलने लगी मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी अब तो उनकी आवाज भी नहीं निकल रही थी बस आअह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह्ह्ह हाय सुनाइ दे रहा था और वो बस बस धीरे कृपया थोड़ा धीरे करो करने लगी चुदाई अपने चरम पे थी और मेर हर झटके के साथ उनकी मस्त गोल गोल बूब हिलते हुए कयामत ढा रहे मनो और जोर से और जोर से कह रहे हो…
अब मेने अपना लंड बहार निकाल और उनको घोड़ी बनाने को कहा तो वो उठी और बिस्तर के किनारे पे घोड़ी बन गयी मेने अब उन्ही गांडो के पीछे आ कर अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया उनके मुँह से आवाज आई उउउइइ माँ अब मेने उनकी गोल गोल गोंडो पे अपनी चोट मार रहा था कमरे में थप थप की आवाज गूंज रही थी उनके स्तन हवा में लटके एपी हम दोनों हाय चरम पे वो बस बस कर रही थी और आआआअह्हह्हह मम्माआआ आआह्हह्हह होह्ह्ह्ह ह्ह्हाआ हाआआ माआआआ मर गईययिइइइइइ म्मम्माआआ आआआह्हह्हा ह्हहाआआ मेरी सांसे बहुत तेज दौड़ रही थी इतने में उनकी चूत से बहुत सारा पानी जैसा रस निकल गया और उनकी चूत में मेरा लंड मक्खन की तरह जाने लगा अब तो मानो में पानी में नाव चला रहा था उन्हें अपने कमर को थोड़ा मोड़ कर लिया जैसे उनकी चूत मेरे और करीब हो गई… ऐसा लग रहा था मानो दो बड़े गोल पत्थरों के बीच किसी गुफा में जाने का रास्ता हो… मेरी स्पीड काफी तेज हो गई है और अब मेरे दोनों गोले चूत पर बार-बार चोट मार रहे हैं एक अलग ही अहसास आ रहा था बताने के लिए शब्द ही नहीं मिल रहे कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया…
